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पुनीत वन -Sacred Groves

पुनीत वन -Sacred Groves

प्रदर्शनी की अवधारणा

प्रकृति पूजा एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो भारत में अनादि काल से मौजूद हैं पवित्र उपवनों को “देवताओं के उद्यान” के रूप में भी जाना जाता है, जो उस क्षेत्र  की प्राकृतिक वनस्पति और संबंधित अलौकिक शक्ति से युक्त हैं।  इं.गां.रा.मा.सं. जीवन अभिवृद्धि कारक सांस्कृतिक तत्वों के संरक्षण और पुर्नोद्धार के लिए भी समर्पित है। संग्रहालय ने अपने परिसर में भारत के विभिन्न पारिस्थितिक क्षेत्रों से पवित्र उपवनों की पुनर्रचना का एक विशेष प्रयास किया है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में यह माना जाता है कि प्रकृति उन्हें आजीविका प्रदान करती है इसलिए प्रकृति की पूजा की जाती है जिसमें पवित्र उपवन ग्रामीण लोगों के जीवन और संस्कृति का एक हिस्सा है, इस विश्वास के साथ कि उनके देवताओं और पूर्वजों की आत्माएं इनमें रहती थीं। इन वृक्षों को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

संग्रहालय ने देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करते समुदाय की सहायता से अपने परिसर में आठ पुनीत वनों की स्थापना की हैं।

Concept of the Exhibition

Nature worship is an ancient Indian tradition existing since time immemorial. Sacred groves in India also known as the “Gardens of Gods” are consisting of natural vegetation of the locality and the associated supernatural power. IGRMS is also dedicated to the preservation and revitalization of life enhancing cultural elements. The museum has made a special effort for recreating sacred groves from different ecological zones of India in its campus. Today also in rural areas it is believed that the nature provides them the livelihood therefore the nature is worshiped of which sacred grove is a component or a part of life and culture of the rural people with a belief that their gods and spirits of ancestors lived in these groves. These groves are known by different names in different part of the country.

The museum has installed eight sacred groves in its premises campus with the help & support of the community representing different parts of the country.

पुनीत वन

पुनीत वन प्राकृतिक रूप से पनपे वनस्पतियों का एक ऐसा समूह होता है जिसे स्थानीय समाज के द्वारा अपने पूर्वजों एवं देवी-देवताओं को समर्पित किया जाता हैl  इसमें बहुत सी प्रजातियों के  मिश्रित वृक्ष भी हो सकते हैं या फिर एक ही प्रजाति के पेड़ों का झुण्ड भी हो सकता हैl  यह स्थानीय संस्कृति व वानस्पतिक इतिहास पर निर्भर करता है l यह पुनीत वन इतने महत्वपूर्ण होते हैं यहाँ से पेड़ काटना तो दूर एक पत्ती तक नहीं तोड़ी जाती एवं इसके साथ-साथ इसकी सीमा में वास करने वाले किसी जीव-जंतु को भी क्षति नहीं पहुंचाई जाती। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक पुनीत वन को वर्ष में एक बार स्थानीय लोगो द्वारा पूजा जाता है।

Sacred Groves

Sacred groves are a group of naturally grown vegetation dedicated to deities and ancestors by indigenous communities. It may include mixture of various plant species or cluster/groves of same species. It depends on cultural and botanical history. Sacred groves are so important because cutting or even plucking of leaf of the respective plant/tree is not permitted, besides even animal’s inhabiting in that periphery are also not harmed. It is also mentioned that each of the sacred grove is worshipped by related locales once in year.  

प्रदर्शनी का उद्देश्य

संग्रहालय परिसर में पवित्र वनम/कावु नामक पवित्र संकुल प्रादर्श संस्चना की स्थापना का मुख्य उद्देश्य संग्रहालय परिसर को हरा-भरा बनाये रखने के साथ यहाँ आने वाले विभिन्न आयु तथा समुदाय वर्ग के आगुंतकों को पवित्र वन संकुल अवधारणा से परिचित कराना तथा जागरूक करना है। ताकि प्रत्येक जनमानस के मन में प्रकृति को संरक्षित तथा संवर्धित करने का संकल्प विकसित हो सके। इस प्रादर्श संरचना की स्थापना वर्ष 1999 में संबंधित स्थानीय समुदाय की सहभागिता से की गई है।

The purpose of the exhibition

The main objective of the establishment of the exhibition Pavithra Vanam’/‘Kaavu’ is not only to keep museum complex green but also acquainted with the concept of scared forest complex to the visitors of different age and community groups, so that concept of preservation and development of nature can be developed in the mind of general public.

This structure was established in the year 1999 with the participation of concerned local community.

  1. केरल के पुनीत वन – SACRED GROVES OF KERALA
  2. तमिलनाडु के पुनीत वन -SACRED GROVES OF TAMILNADU
  3. सरना – झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ के पुनीत वनSarna –Jharkhand and Chhattisgarh
  4. देवराई-महाराष्ट्र के पुनीत वन– DevraiMaharastra
  5. ओरण-राजस्थान के पुनीत वन -Oran – Rajasthan
  6. माउ-बु-खार: मेघालय के पुनीतवन -Maw-bu-khar –Meghalaya
  7. उमंग लाईगी लाईकोन:मणिपुर के पवित्र वन – Umang Laigi Laikon –Manipur