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सप्ताह का प्रादर्श-EXHIBIT OF THE WEEK-191

सप्ताह का प्रादर्श-191
(
25 से 31 जनवरी 2024 तक)
संपूर्ण रामायण

संपूर्ण रामायण को दर्शाता एक पट्टचित्र

पट्टचित्र अर्थात कपड़े पर निर्मित चित्र जो उड़ीसा की एक पारंपरिक स्क्रॉल पेंटिंग है। पट्टचित्र अपने जटिल विवरणों के साथ-साथ आख्यानों और समृद्ध रंगीन अनुप्रयोग, रचनात्मक उद्देश्यों, सजावटी किनारों और पौराणिक आख्यानों, धार्मिक ग्रंथों के दृश्यों, उस पर अंकित लोककथाओं जैसे विषयों के चित्रण के लिए जाना जाता है। प्रस्तुत प्रादर्श रामायण के विभिन्न प्रसंगों को दर्शाने वाला एक पट्टचित्र है, जिसे इस पेंटिंग में खूबसूरती के साथ वर्णित किया गया है। भगवान राम और सीता राजसी सिंहासन पर शोभायमान हैं और हनुमान भगवान राम के चरणों के समक्ष उनके भक्तरूप में बैठे हुए दर्शाए गए हैं। दोनों तरफ भगवान विष्णु के अवतारों को चित्रित किया गया है। विभिन्न प्रसंग जैसे भगवान विष्णु का महासर्प शेषनाग की कुंडली पर लेटे हुए होना, राजा दशरथ को चार पुत्रों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का आशीर्वाद, भगवान राम के साथ राक्षसी ताड़का का सामना, भगवान राम का सीता के साथ विवाह, जंगल में चौदह वर्ष का वनवास, रावण द्वारा जटायु का वध, सीता का अपहरण और सीता का अग्नि में प्रवेश करके अपनी पवित्रता साबित करने आदि को चित्र के चारों ओर बने हुए वृत्तों में चित्रित किया गया है।

Exhibit of the week- 191
(25th to 31st January 2024)
SAMPURNA RAMAYANA

A pattachitra depicting the entire epic of Ramayana

Pattachitra is a traditional cloth based scroll painting of Orissa. Patta means clothes and Chitra means painting. Pattachitra is manifested for its intricate details as well as narratives and rich colourful application, creative motives, decorative border, and portrayal of themes like mythological narratives, scenes from religious texts, folktales inscribed on it. The present object is a Pattachitra depicting different episodes from Ramayana, which are beautifully narrated in this painting. Lord Rama and Sita graced the majestic throne, and Hanuman seated in front of Lord Rama’s feet as his disciple depicted in the center. On both sides, avatars of Lord Vishnu are painted. Different episodes like Lord Vishnu reclining on the coil of great serpent Sheshnaag, King Dasharatha blessed with four sons Rama, Laxman, Bharata and Shatrughna, encounter of demon Taraka with Lord Rama, marriage of Lord Rama with Sita, fourteen years exile in the forest, killing of Jayatu by Ravana and abducting Sita and Sita proves her chastity by entering into fire etc. are painted in circles covering four sides of the painting.

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