कुनेमेची
जनजाति: चाखेसांग नागा
जिला: फेक, नागालैण्ड
संकलन वर्ष : 2003
चाखेसांग जनजाति का नाम तीन नागा उप-समूहों चखरू, खेजा और सांगताम को मिला कर रखा गया है, ये सभी एक संयुक्त क्षेत्र में निवास करते हैं। ये नागालैंड के फेक जिले में ठंडे पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करते है।
चाखेसांग नागा में धनी प्रतिष्ठित व्यक्ति के आवास को कुनेमेची कहा जाता है। इसकी पहचान आवास में निर्मित सीका नामक एक सींग जैसे आकृति से की जा सकती है। किसी गाँव में सीका युक्त आवास यह दर्शाता है कि व्यक्ति ने गाँव के लोगों को कई बार सामूहिक रूप से दांवते दी हैं । घर की सभी सामग्री तथा उनका आकार और आकृति समाज में व्यक्ति के समृद्धि और उन्नत का निर्धारण करते हैं।
विस्तृत नक्काशी वाली सामने की दीवार को थिल्पा कहा जाता है। यह समृद्ध पशुधन के के स्वामित्व के प्रतीक मिथुन और भैंस के बहुत से कपालों से सुसज्जित है। साथ ही यह घर के निर्माण के दौरान उसके द्वारा किए पशु बलि की संख्या को भी दर्शाता है। शिकार किए गए जानवरों जैसे जंगली सूअर, बंदर आदि के कपाल उनके शिकार कौशल और बहादुरी को प्रदर्शित करते हैं। लकड़ियों पर की गयी नक्काशियों के अपने अलग-अलग अर्थ हैं जो गृह स्वामी की इस क्षमता को दर्शातें हैं कि वह अपने समाज का ऐसा व्यक्ति है जो गांव की भलाई के लिए अपने धन को खर्च कर सकता है।
लकड़ी के क्षैतिज तख्तों की पंक्तियों में उकेरी गयी महिला स्तन की आकृतियों के दो अर्थ हैं। यह एक ओर यह उर्वरता का प्रतीक है तो दूसरी ओर यह व्यक्ति के पास मौजूद खाद्यान्न के प्रचुर भंडार को भी दर्शाता है। मानव सिर की आकृति और हॉर्नबिल के कपाल वीरता के प्रतीक हैं। सूर्य, चंद्रमा और सितारों के दैवीय प्रतीक अपने लोगों को दी गयी दावतों और बलिदानों के साक्ष्य हैं। घर के सामने खड़े पांच खंभों में योद्धाओं के और दैवीय प्रतीक हैं जो घर को किसी भी तरह के विनाश से बचाते हैं।
Kunemeche
Tribe: Chalhesang Naga
Dist.: Phek, Nagaland
Year of ecollection: 2003
The Chakhesang Naga House of Merit
The tribe Chakhesang is named after the union of three Naga sub- groups namely Chakhru, Kheza and Sangtam; all living in a compact territory. They are distributed in cold hilly terrain of Phek district of Nagaland.
The House of a richman among the Chakhesang Naga is called Kunemechi. One can identify this house by the presence of a horn like projection called Ceka. The person who has given several feasts to the villager is only entitled to adorn his house with Ceka. It is the symbol that shows the status that he has given feast for several times to the villagers. All the materials, shape and size of the house determines the richness and value of the owner in his society.
The front wall with elaborate carving is called Thilpa. It is decorated with a series of Mithun and Buffalo skulls, symbolizing a good possession of animal wealth. This also shows the number of sacrifices he made during the construction of the house. Skulls of the hunted animals like the skull of wild boar, monkey etc. are also decorated above the main door to display his hunting skill and bravery. All these carvings are manifested with individual meanings that proves the ability of the owner that he is the person in his society who could afford to spare his wealth for the well-being of the village.
The carved motives of women breasts that are arranged in rows of the horizontal planks has dual meanings. It represents the symbol of fertility on one hand and it also signifies the enormity of food grains possessed by the owner. The motives of human head and skull of hornbill are the symbol of valour. Heavenly symbols of Sun, Moon and Stars are portrayed in witness and evidence of the sacrifices he made for giving feast to his people. Five upright pillars standing in the front of the house possesses the motives of warriors and the heavenly symbols to guard and protect the house from any kind of the destruction liable to be meted out of the unwanted evil forces.