IGRMS Menu

आवृत्ति भवन-Avritti Bhawan

आवृत्ति भवन: संग्रहालय परिसर के उत्तरी छोर पर झील की ओर 1990 के दशक में निर्मित दो मुक्ताकाश प्रदर्शनियों तटीय व मरुग्राम के संचालन हेतु कार्यालय एवं विविध विषयों पर सामयिक प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए अंतरंग दीर्घाओं की परिकल्पना को मूर्त रूप देते हुए केरल के पारंपरिक आवास नालकेट्टू के वास्तुशिल्प पर आवृत्ति भवन को निर्मित किया गया है। भवन के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में स्थित दो दीर्घाएं प्रदर्शनी हेतु उपयोग की जाती है। भवन में लगभग 100 लोगों के बैठने की क्षमता वाली सभाकक्ष का समय-समय पर आयोजित होने वाली विभिन्न कार्यक्रमों जैसे आकादमिक संगोष्ठियों, परिचर्चा, संवाद, एवं व्याख्यानों आदि के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त भवन के बीचोबीच एक खुला प्रांगण है जो कि कलाकार शिविरों के लिए उपयोग किया जाता है। भवन के सामने भी एक विशाल खुला प्रांगण है जो विविध सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता है।

भोपाल दीर्घा: आवृत्ति भवन के दीर्घा क्रमांक 1 में भोपाल दीर्घा का संयोजन किया गया है। जिसमें 17वीं -20 वीं शताब्दी में भोपाल के नवाब शासकों के इतिहास को प्रदर्शित किया गया है। भोपाल में नवाबों एवं बेगमों का शासन लगभग 230 वर्षों तक रहा। इस दौरान गोंडी, परमारी, अफगान-पठान, अरबी, फ़्रांसिसी, अंग्रेजी संस्कृतियों का स्थानीय संस्कृति के साथ अभूतपूर्व संगम मिलता है।

दीर्घा क्रमांक 2: आवृत्ति भवन के इस दीर्घा में विभिन्न विषयों एवं अवसरों पर सामयिक प्रदर्शनियों का संयोजन किया जाता है। विगत दो वर्षों से भारत के लोग श्रृंखला की थीम पर देश के विभिन्न राज्यों पर केन्द्रित लोक एवं जनजातीय संस्कृति पर आधारित सामयिक प्रदर्शनी का संयोजन नियमित रूप से किया जा रहा है।

Aavriti Bhawan: In order to cater the need of a gallery for organizing periodical exhibitions on various theme and carrying out official work related to Coastal and Desert village open air exhibitions of the museum opened in 1990, the aavriti bhawan based on the architecture of traditional dwelling type Nalkettu from Kerala was built on the northern end of the museum premise at lake view side. Two galleries at the east and west side of the building are used for exhibition purpose whereas conference hall with 100 people seating capacity is used for organizing various academic seminars, colloquiums and lectures. Besides this there is an open courtyard at the middle of the building that is used for artist camps and short performances. A larger open air space is also present for various cultural activities.

Bhopal Gallery: Gallery no. 1 of the Aavriti Bhawan is also recognised as Bhopal Gallery in which history of the nawabs of Bhopal in 17th to 20th century has been displayed through photographs of Nawabs and Begums reigns that continued in Bhopal for nearly 230 years. Amazing combination of Gondi, Parmars, Afghani, Pathan, Arabian, French and English ( British) cultures was seen in this duration.

Gallery no.2: Periodical exhibitions on various themes and occasion mounted in this gallery with the exhibition series on the theme of People of India is carried out for last two years.

Avritti Bhawan- Bird view along with Desert village open air exhibition from prehistoric rock shelters of IGRMS, Bhopal