कमार आवास
जनजाति- कमार
जिला- रायपुर
राज्य- छत्तीसगढ़
कमार छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के दक्षिण पूर्वी भाग में रहने वाली एक जनजातीय समूह है। वहाँ के अधिकांश गाँव जंगली पहाड़ी क्षेत्र में स्थित हैं। वे प्राकृतिक जल संसाधनों के पास समतल भूमि के जंगल में अपना घर बनाना पसंद करते हैं। उनके अनुसार जब भगवान ने सभी लोगों को काम बांटा, उन्होंने कमार को धनुष और बाण दिया और तभी से कमार शिकार, कंद मूल इकट्ठा करके और खेती करके अपना जीवन यापन करते थे।
उनका मुख्य व्यवसाय स्थानांतरित खेती है जबकि टोकरी बनाना, शिकार करना, मछली पकड़ना और वन उत्पादों का संग्रहण उनका सहायक व्यवसाय है। ये साल, कर्रा की लकड़ी, बांस और मिट्टी से अपना घर बनाते हैं। वे अपने घरों का निर्माण लकड़ी के खम्भों को खड़ा करके और मिट्टी से उसकी दीवार बनाकर करते हैं। मुख्य कक्ष को दो भागों में विभाजित किया गया है जिन्हें ‘खंडघर’ और ‘भीतरघर’ कहा जाता है। भीतरी कक्ष ‘भीतरघर’ का उपयोग सोने और घरेलू सामग्री रखने के लिए किया जाता है, जबकि बाहरी कक्ष ‘खंडघर’ का उपयोग रसोई और पूजा स्थल के रूप में किया जाता है। घर के सामने के हिस्से में एक बरामदा है जिसे ‘ओसरी’ कहा जाता है और एक छोटा मचान जिसे ‘मंडाछा’ कहा जाता है, जिसे घर के सामने बनाया जाता है और महुआ सुखाने के लिए और सब्जियां उगाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। कर्रा की लकड़ी और बांस के ढांचे पर छिंद के पत्तों की छाजन सेे छत का निर्माण किया जाता है। दरवाजा बांस की खपच्चियां से बुनकर बनाया गया है।
Kamar House
Tribe- Kamar
Dist. Raipur
State Chhattisgarh
Kamar is a small tribal group living in South Eastern part of Raipur district of Chhattisgarh. Most of there village are situated in forested hilly area. They prefer to build their houses in the jungle of plain land near the natural water resources. According to them when God divided works to all the people, he gave bow and arrow to the Kamar and form then Kamar live their lives by hunting, gathering and cultivating land.
Their main occupation is sifting cultivation While basketry, hunting, fishing and collection of forest products are their subsidiary occupation. They make their houses by using sal, karra wood, bamboo and clay. They construct their houses by erecting wooden uprights and walling it up with clay. The main room is divided into two parts which called ‘Khandghar’ and ‘Bhitarghar’. The inner room ‘Bhitarghar’ is used for sleeping and keeping household materials while frontier room ‘Khandghar’ is used as kitchen and as a place of worship. In the front portion of house is varandah called ‘Osari’ and a small machan called ‘Mandachha’ which is constructed in front of the house and used for drying Mahua and also as a kitchen garden. The roofing is made up with the frame of Karra wood and bamboo with thatching of chhind leaves. Door is made of knitted bamboo splits.