सप्ताह का प्रादर्श-172
(14 से 20 सितम्बर 2023 तक)
गणेश
भगवान गणेश का एक मुखौटा
असम में मुखौटा निर्माण की परंपरा सदियों पुरानी है। मुखौटे के निर्माण में बांस, बेंत, मिट्टी, गोबर, जूट के रेशे, कागज, सूती कपड़ा और प्राकृतिक रंग सहित विभिन्न सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। यह विशेष प्रादर्श भगवान गणेश का एक सफेद, काला, लाल और पीले रंग से रंगा मुखौटा या मुखा है। सर्वप्रथम बाँस की खपच्चियों से मूल ढाँचा बनाकर उस पर मिट्टी के घोल में डूबे सूती कपड़े की एक परत चढ़ाई जाती है, फिर मिट्टी और गाय के गोबर का मिश्रण कपड़े पर लगाकर धूप में सुखाया जाता है ताकि एक चिकनी सतह मिल सके। जैसे ही मुखौटा पूरी तरह सूख जाता है, कलाकार उसके स्वरूप को निखारते हैं और फिर इसे प्राकृतिक रंगों जैसे सफेद के लिए खोरी माटी, लाल के लिए हेनगुल, काले के लिए चारकोल और पीले के लिए हरिताल का उपयोग कर रंगा जाता है।
मुखा एक प्रकार का मुखौटा है जिसका उपयोग अभिनेता के चेहरे को ढकने के लिए किया जाता है। इस प्रकार के मुखौटे अधिकांशतः पारंपरिक नाट्य रूप भावना में पहने जाते हैं, जो ज्यादातर धार्मिक पात्रों और संदेशों के साथ खेले जाते हैं। पात्रों की भावाभिव्यक्ति के लिए मुखों को सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है, जिससे दर्शकों को एक जुड़ाव महसूस हो और ‘अंकिया भावना’ नामक लोकप्रिय लोक रंगमंच के वार्षिक उत्सव के दौरान उनकी सहभागिता भी बनी रहे। इसके अतिरिक्त, प्रदर्शन के पूर्व बाल, आभूषण और मुकुट जैसे अलंकरण को शामिल किया जाता है। एक यथार्थवादी और भावपूर्ण धार्मिक चरित्र के लिए एक अभिनेता अपने चेहरे को ढकने के लिए मुखा पहनता है। ध्यानपूर्वक किए गए बारीक कार्य मुखा के चरित्र को जीवंत बनाने में मदद करते हैं, जिससे दर्शकों को गहरे जुड़ाव की अनुभूति होती है।
आरोहण क्रमांक – 2008.457
स्थानीय नाम – गणेश, भगवान गणेश का एक मुखौटा
समुदाय – लोक
स्थान – शिवसागर, असम
Exhibit of the week- 172
(14th to 20th September 2023)
GANESHA
A mask of Lord Ganesh
Mask-making has been a tradition in Assam for centuries. Various materials are used in the construction of the mask, including bamboo, cane, clay, cow-dung, jute fibre, paper, cotton cloth, and natural colors. The featured object is a white, black, red and yellow coloured mask or mukha of Lord Ganesha. The basic frame is first constructed from bamboo splits. The structure is then covered with a layer of cotton cloth dipped in clay. A mixture of clay and cow-dung is then applied to the cloth and dried in sunlight to give a smooth finish. As soon as the mask is dried completely, the craftsman refines its appearance. It is then painted with natural colors such as Khori maati for white, Hengul for red, charcoal for black, and Harital for yellow.
Mukha is a type of mask used to cover the face of the actor. The ornamentation like crown, hair, jewellery are also added at this stage. These types of masks are mostly worn in Bhaonas, a traditional form of drama played mostly with religious characters and messages. Mukhas are carefully crafted to convey the character’s emotions, making the audience feel connected and engaged during the annual celebration of popular folk theatre called ‘Ankiya Bhawana’. Additionally, more ornamentation features such as hair, jewellery, and crowns are incorporated before the performance. Actors wears Mukha to cover their faces to create realistic and expressive religious character. This intricate attention to detail helps bring the character of Mukha to life, creating an immersive experience for the audience.
Acc. No. – 2008.457
Local Name – GANESHA – A mask of Lord Ganesh
Community – Folk
Locality – Sivasagar, Assam
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