सप्ताह का प्रादर्श-185
सप्ताह का प्रादर्श-185
(14 नवम्बर से 20 दिसम्बर 2023 तक)
मोहिनी भस्मासुर
एक कलमकारी चित्रकला
मोहिनी भस्मासुर की कहानी को दर्शाती यह कलमकारी पेंटिंग कपड़े पर निर्मित है। कलमकारी एक पारंपरिक चित्रकला है जिसका उद्भव आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के श्रीकालहस्ती और कृष्णा जिले के मछलीपट्टनम में हुआ था। कलमकारी पेंटिंग में सामान्यतः पौराणिक कहानियों, रामायण और महाभारत के दृश्यों, भागवत पुराण, लोककथाओं और प्रकृति से प्रेरित आकृतियों को प्रदर्शित किया जाता है। रूपांकन अत्यधिक जटिल विवरणों के साथ बारीक रेखाओं द्वारा चित्रित किए जाते हैं। श्रीकालाहस्ती शैली में कलम के जटिल काम और जीवंत रंगों से देवी-देवता और पौराणिक चरित्र चित्रित किए जाते हैं और मछलीपट्टनम शैली में रूपांकन सुस्पष्ट बड़ी आकृतियों के होते हैं, इनमें से अधिकांशतः पुष्प और ज्यामितीय रूपांकन होते हैं जो ब्लॉक प्रिंटिंग का उपयोग कर बनाए जाते हैं। यहां प्रदर्शित चित्र में प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त नीले, काले, पीले और लाल रंगों का उपयोग करके कपड़े पर मोहिनी और भस्मासुर की कहानी का चित्रण किया गया है। भस्मासुर एक असुर था जो भगवान शिव का परम भक्त था। उसने शिव से वरदान प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की और यह वर प्राप्त किया कि वह जिस किसी के भी सिर पर हाथ रखेगा वह जल कर भस्म हो जाएगा। वह सर्वप्रथम भगवान शिव पर ही इस वर का प्रयोग करना चाहता था। भगवान शिव भागकर भगवान विष्णु के पास पहुंचे। विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर उसे अपनीे मोहक सुंदरता से आकर्षित कर मुकुट नामक एक नृत्य प्रारम्भ किया, और भस्मासुर को उनसे विवाह करने की अनुमति देने के लिए उसकी नकल करने को कहा। नृत्य के दौरान उन्होंने भस्मासुर को अपना हाथ अपने सिर पर रखने के लिए बाध्य किया, जैसे ही उसने अपने सिर को छुआ, वह जलकर भस्म हो गया।
आरोहण क्रमांक 2006.1027
स्थानीय नाम – मोहिनी भस्मासुर, एक कलमकारी चित्रकला
समुदाय- लोक
स्थान- चित्तूर, आंध्र प्रदेश
माप- ऊंचाई 140 सेमी., लंबाई 256 सेमी.
Exhibit of the week- 185
(14th to 20th December 2023)
MOHINI BHASAMASUR
A Kalamkari painting
This Kalamkari painting on cloth depicts the story of Mohini Bhasamasur. Kalamkari is a traditional painting originated in Srikalahasti of Chittoor district and Machilipatnam of Krishna district of Andhra Pradesh. Kalamkari painting usually depicts mythological stories, scenes from the great epics Ramayana and Mahabharata, Bhagwat puran, narratives from folklore and nature inspired motives. The designs are drawn with highly intricate details and characterized by fine lines. In Srikalahasti style motives include gods and goddess, mythological characters with intricate pen work and vibrant colours but in Machilipatnam style the designs are bold with larger motives often incorporate floral patterns, geometrical designs mostly used with block printing. The present painting is the depiction of the story of Mohini & Bhasamasur on cloth by using the colours like indigo, black, yellow & red derived from natural sources. Bhasamasur was an Asura or Demon who was a great devotee of Lord Shiva. He performed great penance to obtain a boon from Shiva, as a result of his penance he was granted power to burn up and turn any one into ashes immediately, whose head he will touch with his hand. He wanted to apply this boon first on Lord Shiva but Lord Shiva fled and reached to Lord Vishnu. Vishnu took the form of Mohini and attracted Bhasamasur with her charm & beauty and initiated a dance called Mukuta Nritya. Vishnu asked Bhasamasur to copy her if he wants to marry her. During the course of dance she forced Bhasamasur to place his hand on his own head, the moment he touched his head he was burnt into ashes.
Acc. No. 2006.1027
Local Name – MOHINI BHASAMASUR, A Kalamkari painting
Community- Folk
Locality- Chittoor, Andhra Pradesh
Measurement- Height 140 cms., Length 256 cm.
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