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कुम्हारपारा – Kumharpara -गोडारी पठेरा-GODARI PATHERA

गोडारी पठेरा
समुदायः गोंड
क्षेत्रः डिंडोरी एवं मंडला
राज्यः मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के डिंडोरी एवं मंडला जिले के गोंड कलाकरों द्वारा मिटटी, घास एवं बांस से तैयार किया गया गोडारी पठेरा एक अनूठी संरचना है। विचारपूर्वक तैयार की गयी प्रदर्शनी का प्रवेश द्वार आदिवासी समुदाय के स्थापत्य भव्यता, सौंदर्य बोध और कलात्मक संवेदनाओं का उदाहरण प्रस्तुत करता है। मुख्य संरचना एक शैडड प्रवेश द्वार के रूप में तैयार की गयी है जिसके दोनों ओर भण्डारण के बड़े डिब्बे रखने के लिए दो छोटे छोटे भाग बनाये गए हैं।

विभिन्न प्रकार के अनाजो के भण्डारण के लिए गोडारी में कई हिस्से होना इसे अदभुत बनाने के साथ अन्य पात्रों से अलग बनाता है। अनाज एवं धान के अतिरिक्त चावल, कोडो, कुटकी, संवा इत्यादि के साथ अन्य कई वस्तुएं जैसे दही, छाछ, हंसिया, कुल्हाड़ी, बढई, राजगिरी एवं कृषि के छोटे उपकरण गोडारी के विभिन्न भाग जो उनकी प्रकृति एवं आकार अनुसार बनाये जाते हैं, में रखे जाते है।जेवरात गोडारी के निचले हिस्से जबकि नमक अन्दर की ओर बने हिस्से में रखा जाता है। पठेरा का उपयोग दीप एवं चिमनी का उपयोग केरोसिन दीप के लिए किया जाता है। चिमनी अथवा बाती को रातमाई अथवा मुल्करी देवी जो घर को बुरी चीजो से बचाती हैं, का प्रतीक माना जाता है। गोडारी पठेरा को ढ़िगना आकृतियों से सजाया जाता है।

GODARI PATHERA
Community: Gond
Area: Dindori, Mandla
State: Madhya Pradesh

Godari Pathera is a unique structure designed by the Gond artists hailing from the Dindori and Mandla districts of Madhya Pradesh, using clay, bamboo, and grass. Profoundly designed, the entrance of this exhibition sets an example of the architectural grandeur, aesthetic sense, and artistic sensibilities of the tribals. The main structure is designed as a shaded gate, having two relatively small sections on both sides with big grain bins inside.

Multiple sections for storage of various items are the unique feature of Godari, which distinguishes it from other usual grain bins. Besides grain and cereals, rice, kodo, kutki, sanwa, etc. and many other items like curd, buttermilk, sickles, axe, small carpentry tools, masonry, and agricultural tools are also kept in a different section of Godari specially designed for them, which is suitable to their shape and size. Jewellery and currency are also kept under Godari, along with salt. ‘Pathera’ is used for lamps and ‘Chimani’ for kerosene lamps. Chimani or wick of the lamp is considered as Raatmai or Mulkuri Devi, protecting inhabitants of the house from the dark. Godari Pathera is decorated with ‘Dhigna’ motifs.